
कन्नूर (केरल)। ‘वह पढ़ने में होशियार थी, कक्षा में अव्वल आती थी, लेकिन अपनी गरीबी से नफरत करती थी। कक्षा में साथ पढ़ने वालों को उसने भनक नहीं लगने दी कि वह गरीब परिवार से है। 10 वीं के परिणाम में टॉप किया तो मीडिया की नजर उसकी जिंदगी के इस पहलू पर पड़ी। अखबारों में यह लिखा जाना उसे रास नहीं आया कि गरीब परिवार की बेटी ने ऐसी मिसाल पेस की है। वह खुद को रोक न सकी और आत्महत्या कर ली।’
यह कहानी है केरल के कन्नूर की रफसीना की। शिवापुरम हायर सेकंडरी स्कूल की छात्रा रफसीना ने 1200 में से 1180 अंक लाकर प्रदेश में टॉप किया था। स्थानीय मीडिया के अनुसार, परिणाम आने के दो दिन बाद शाम पौने पांच बजे उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
सुसाइड में लिखी ऐसी बातें
पुलिस के मुताबिक, रफसीना ने सुसाइड नोट में संकेत दिए हैं कि परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति उजागर होने के बाद वह अवसाद में थी। अपने गरीब होने की बात उसने सालों तक अपने दोस्तों से छुपाए रखी थी।
रफसीना एक कमरे के मकान में अपनी मां रहमत के साथ रही थी। परिवार में दो भाई-बहन और हैं। मां दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार चलाती है।