
देश में अप्रत्यक्ष कर की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुये सरकार केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदलकर केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) करने जा रही है। जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू किया जाना है। वित्त मंत्रालय के यहां जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘विधायी मंजूरी मिलने के बाद केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदलकर केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) किया जा रहा है।’’
वक्तव्य में कहा गया है कि सीबीआईसी अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों, निदेशालयों के काम का निरीक्षण करेगी और सरकार को जीएसटी के मामले में नीति बनाने में सहायता करेगी। इसके साथ ही वह केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क लगाने संबंधी अपने काम को भी जारी रखेगा। इसके मुताबिक, ‘‘वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी क्रियान्वयन के सिलसिले में सीबीईसी के सभी जमीनी स्तर पर काम करने वाले प्रतिष्ठानों के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है।’’ वक्तव्य के अनुसार सीबीईसी के तहत वर्तमान में केन्द्रीय उत्पाद और सेवाकर के जितने भी प्रतिष्ठान हैं उनका पुनर्गठन कर उन्हें जीएसटी कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिये तैयार किया जा रहा है। नये नाम वाले वस्तु एवं सेवाकर महानिदेशालय को मजबूत बनाया जा रहा है और इसका विस्तार किया जा रहा है ताकि कर चोरी रोकने और कालेधन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में इसे एक महत्वपूर्ण विभाग बनाया जा सके।