
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि आर्थिक सुधारों की राजनीतिक लागत को लेकर सारी बहस, इन सुधारों का फायदा समाज के वंचित तबकों तक पहुंचने के साथ ही गायब हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी के परिणाम ने आलोचकों को गलत साबित कर दिया है क्योंकि न तो जीडीपी और न ही कृषि उत्पादन प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री ने प्रौद्योगिकी को अपनाने में लचीले रुख के लिए ग्रामीण जनता की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘इस सारी कवायद (नोटबंदी) का एक बड़ा फायदा डिजिटलीकरण की ओर कदम बढ़ाना रहा। डिजिटलीकरण की ओर इस पहल, इस आंदोलन से ही नयी प्रौद्योगिकी, भुगतान के इलेक्ट्रोनिक माडल के नये प्रारूप सामने आए।’
जेटली ने 100 आईसीआईसीआई ‘डिजिटल गांवों’ को देश को समर्पित किया। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि एक सबक यह रहा है कि इन सुधारों का फायदा ग्रामीण जनता तक पहुंचेगा। यह बुनियादी बदलाव हो रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘राज्य के पास अतिरिक्त संसाधानों की उपलब्धता का फायदा यह है कि सारी आर्थिक गतिविधियां भी गांवों तक पहुंच रही हैं और जब समाज का यह तबका मानता है कि उसे इस प्रक्रिया में शामिल किया गया, सुधारों की राजनीतिक लागत की सारी बहस अपने आप ही गायब हो जाती है।’ नोटबंदी के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने आलोचकों को गलत साबित किया है क्योंकि ‘जीडीपी में कोई 2 प्रतिशत की गिरावट’ नहीं आई है।