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फ्लिपकार्ट को बड़ी फंडिंग: जुटाए 140 करोड़ डॉलर, किया ebay.in का अधिग्रहण

नई दिल्ली। फ्लिपकार्ट ने सोमवार को बताया कि टेंसेंट, ईबे और माइक्रोसॉफ्ट ने कंपनी में करीब 1.4 बिलियन डॉलर (1.4 अरब डॉलर) का निवेश किया है। साथ ही फ्लिपकार्ट ने ई-बे डॉट इन के बिजनेस को भी खरीद लिया है। इन तीन प्रौद्योगिकी कंपनियों की ओर से की गई नवीनतम फंडिंग के दौरान लेन-देन का मूल्यांकन 11.6 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। फ्लिपकार्ट के पूर्व निवेशकों में टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, निस्पर्स ग्रुप, एक्सेल पार्टनर्स और डीएसटी ग्लोबल शामिल हैं।

ई-बे इंडिया अब फ्लिपकार्ट ग्रुप का हिस्सा बना:

ई-बे की ओर से फ्लिपकार्ट में निवेश एक स्ट्रेटजिक कमर्शियल एग्रीमेंट के तहत किया गया है। फ्लिपकार्ट में इक्विटी हिस्सेदारी के बदले में ई-बे ने कुछ हिस्सा कैश में दिया है और बाकी के लिए कंपनी ने अपने (ई-बे डॉट इन) बिजनेस को फ्लिपकार्ट को सौंप दिया है। EBay.in फ्लिपकार्ट का एक हिस्सा रहते हुए एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करना जारी रखेगा।

फ्लिपकार्ट ने जारी किया बयान:

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक फ्लिपकार्ट के फाउंडर सचिन और बिन्नी बंसल ने कंपनी की तरफ से एक बयान जारी कर कहा, “हमें खुशी है कि टेसेंट, ईबे और माइक्रोसॉफ्ट जो कि सभी नवाचार दिग्गज हैं ने भारत में अपनी भारत यात्रा के मद्देनजर हमारे साथ साझेदारी की है। हमने इन साझेदारों को उनके अग्रणी उद्योगों के लंबे इतिहास के आधार पर चुना है और इनकी अद्वितीय विशेषताएं एवं प्रत्येक की अंर्तदृष्टि उन्हें फ्लिपकार्ट के करीब लाई हैं। यह सौदा प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत में वाणिज्य क्षेत्र में परिवर्तन (ट्रांसफार्मेशन ऑफ कॉमर्स) लाने के हमारे संकल्प की पुष्टि करता है।”

क्या करती हैं टेसेंट:
टेसेंट, चीन में इंटरनेट से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने वाली बड़ी कंपनी है, जिसने फ्लिपकार्ट के साथ स्ट्रेटजिक इन्वेस्टर के रुप में हाथ मिलाएं है, जो कि सोशल नेटवर्किंग साइट और ई-कॉमर्स को आपस में जोड़ने के अपने अनुभवों को साझा करेगी।

टेसेंट के अध्यक्ष मार्टिन लाउ ने एक बयान जारी कर कहा, “यह समरिक साझेदारी ई-कॉमर्स से जुड़े रोमांचक अवसरों में हिस्सा लेने के लिए टेसेंट को सक्षम बनाती है। हम फ्लिपकार्ट की मदद करना चाहते हैं ताकि भारत के भीतर यूजर्स को शानदार अनुभव प्रदान कराया जा सके। साथ ही यहां इंटरनेट के इकोसिस्टम के विकास में भी मदद की जा सके।”

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