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राहुल गांधी से है शिकायत, चाहें तो मुझे हटा देंः दिग्विजय

इंदौर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से अपनी शिकायत का इजहार करते हुए पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि राहुल को एआईसीसी के पुनर्गठन के मामले में जल्द फैसला करना चाहिये और इस सिलसिले में ‘सख्त’ कदम उठाने में नहीं हिचकना चाहिये। दिग्विजय ने इंदौर प्रेस क्लब में आज ‘प्रेस से मिलिये कार्यक्रम’ में कहा, ‘‘राहुल में कांग्रेस के नेतृत्व की पूरी काबिलियत है। लेकिन मुझे उनसे यह शिकायत जरूर है कि वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के पुनर्गठन के बारे में जल्दी फैसला नहीं ले रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की निगाहें उन पर लगी हैं। ऐसे में उन्हें इस सिलसिले में जल्दी फैसला लेना चाहिये।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बात भी कही जाती है कि कुछ लोग राहुल को पार्टी के निर्णय लेने से रोकते हैं। मैं कहता हूं कि अगर वह एआईसीसी के पुनर्गठन को लेकर सख्त निर्णय लेना चाहते हैं, तो जरूर लें। अगर वह वरिष्ठ नेताओं को एआईसीसी से हटा देना चाहते हैं, तो सबसे पहले मुझे हटायें। लेकिन वह कोई निर्णय लें।’’ राज्यसभा सदस्य ने कहा कि देश में भाजपा के खिलाफ सियासी संघर्ष करने की क्षमता कांग्रेस के अलावा किसी भी दल में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कांग्रेस अपना घर सुधारकर मजबूती से जमीन पर उतरे, तो माहौल हमारे पक्ष में बन सकता है।’’ दिग्विजय ने आरोप लगाया कि मणिपुर और गोवा के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद भाजपा ने अपार धन के इस्तेमाल से नेताओं को खरीदकर दोनों सूबों में अपनी सरकारें बनायीं और सरकार गठन इस प्रक्रिया में तय कायदों का पालन नहीं किया गया।
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘भाजपा के विकास के मुद्दे का मुखौटा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उतर गया है।’’ दिग्विजय ने कहा, ‘‘आदित्यनाथ के खिलाफ दंगा भड़काने और अन्य संगीन आरोपों के मुकदमे दर्ज हैं। वह गुरु गोरखनाथ के सांप्रदायिक एकता के विचारों के एकदम विपरीत बर्ताव करते रहे हैं।’’ राज्यसभा सदस्य ने सरकार के संसद में पेश वित्त विधेयक के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘वित्त विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक आयकर अधिकारी बगैर किसी सक्षम मंजूरी और बिना कारण बताये किसी भी व्यक्ति के ठिकानों पर छापे मार सकेंगे। इसके साथ ही, वे किसी भी करदाता की संपत्ति जब्त कर सकेंगे। इससे देश में इंस्पेक्टर राज लौटेगा और वित्तीय आपातकाल की स्थिति बन जायेगी।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंची कीमत पर दलहन का आयात किया है। दलहन आयात के लिये कारोबारियों को लायसेंस देने में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि उनकी सूचना के मुताबिक नोटबंदी के बाद देश के बैंकों में 300 से 400 करोड़ रुपये के पुराने नकली नोट जमा किये गये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नोटबंदी के बाद आयकर और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को बाकायदा ‘लक्ष्य’ देकर उनके जरिये कारोबारियों से अवैध वसूली करा रही है।

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