
प्रतापगढ़ । जिले के आदिवासियों को शिक्षा, स्वच्छता एवं रोशनी का अधिकार दिए जाने के लिए प्रशासन की ओर से विशेष कवायद शुरू की जा रही है। इस कवायद के तहत आदिवासियों के बच्चों को स्कूलों से जोड़ा जाएगा, प्रकाश व्यवस्था उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी तथा साथ ही खुले में शौच से मुक्ति के लिए शौचालय बनवाए जाएंगे।
सोमवार को आवश्यक सेवाओं की समीक्षा के दौरान जिला कलेक्टर नेहा गिरि ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने एसीईओ रामेश्वर मीणा को निर्देश दिए कि वे इसकी समुचित मॉनीटरिंग करते हुए जिला व ब्लॉक स्तर पर संबंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित कर उन्हें सेंसेंटाइज करें तथा देखें कि किस प्रकार हम आदिवासी लोगों तक पहुंचकर उनकी स्वच्छता, शिक्षा व रोशनी के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने डीईओ से कहा कि अभी स्कूलों में प्रवेश का समय है, इसलिए बच्चों को स्कूलों से जोड़ें तथा प्रौढ़ व बुजुर्गों को साक्षरता विभाग के जरिए शिक्षा से जोड़ें। स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक आशीष भट्ट को निर्देश दिए कि वे ऐसे लोगों के लिए सामुदायिक व व्यक्तिगत शौचालय बनवाएं तथा देखें कि उनके लिए स्वच्छता का लक्ष्य भी सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोगों के घरों में रोशनी के लिए विद्युतीकरण के साथ-साथ वैकल्पिक ऊर्जा संभावनाओं पर काम किया जाएगा। इसके अलावा उन क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल, सामुदायिक केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, सड़क आदि सुविधाओं को लेकर भी काम किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस प्रकार संवेदनशीलता व गंभीरता के साथ काम करें कि कुछ ही दिनों में बदलाव दृष्टिगोचर हो और हमारा किया हुआ काम दिखाई दे। अभियान की तरह डोर टू डोर संपर्क किए जाने से ही आदिवासियों को शिक्षा, स्वच्छता और रोशनी से जोड़ा जा सकेगा। यदि हम यह सुविधाएं आदिवासियों तक पहुंचा सकेंगे तो निश्चय ही उनमें ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा।
इस दौरान एसीईओ रामेश्वर मीणा, सीएमएचओ डॉ ओपी बैरवा, डिस्कॉम एसई आरके शर्मा, वाटरशैड एसई गणेश लाल रोत, एलडीएम, सानिवि अधिकारी, कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।