गणेश चतुर्थीः सार्वजनिक स्थानों की बजाए घर पर ही गणेशजी की मूर्ति की स्थापना कर करें आराधना

किसी भी देव की आराधना के आरम्भ में, किसी भी सत्कर्म व अनुष्ठान में, उत्तम-से-उत्तम और साधारण-से-साधारण कार्य में भी भगवान गणपति का स्मरण, उनका विधिवत पूजन किया जाता है। इनकी पूजा के बिना कोई भी मांगलिक कार्य को आरंभ नहीं किया जाता है। ऐसे परमपिता परमात्मा श्री गणेश जी

वैष्णोदेवी की यात्राः आज सुबह 6 बजे से यात्रा शुरू, यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों को 14 किमी की चढ़ाई मास्क या फेस कवर लगाकर करनी होगी

कटरा, 16 August। वैष्णोदेवी की यात्राः आज सुबह 6 बजे से यात्रा शुरू, यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों को 14 किमी की चढ़ाई मास्क या फेस कवर लगाकर करनी होगी कटरा। पांच महीने बाद वैष्णो देवी यात्रा की शुरुआत आज से हो गई है। सुबह 6 बजे से यात्री दर्शन

“हे कृष्ण इस कोरोना काल से तारो”

अंधियारी काल-कोठरी को तुमने जन्मस्थल बनाया, पर कंस के भयंकर त्रास से भक्तों को बचाया। धन्य वे देवकी-यशोदा जो तुम्हें कान्हा रूप में पाया, तुमने अनेक मायावियों को भी मोक्ष का मार्ग दिखाया। इस दानव विषाणु ने जग में हाहाकार मचाया, तुमने अनेक असुरों को क्षण भर में हराया। हे माधव अद्भुत है

“राम मंदिर भूमिपूजन: ऐतिहासिक पल”

राम मंदिर भूमिपूजन का आया अविस्मरणीय पल, श्रीराम के उद्घोष से गूंजेगा अयोध्या हर पल। 05 अगस्त का दिन होगा ऐतिहासिक दिवस, राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ कराता उत्सव का एहसास। मंदिर निर्माण पुनः है राम के संकल्पों का आह्वान, कई पीढ़ियों के संघर्ष के बाद आया यह दिन महान। बने इस अविस्मरणीय

भारत की जय जय !

संस्कृत दिन- इंदिराजी के प्रधानमंत्री रहते श्रावण पूर्णिमा को संस्कृत दिन घोषित किया गया था। तब से स्मरण पूर्वक संस्कृत भारती इसे मनाती है। साथ में कुछ शैक्षिक संस्थान भी आयोजन में सक्रिया रहते है। किन्तु बौद्धिक एवं सामाजिक संस्थान जैसा अपेक्षित है वैसा आयोजन नहीं करते। इस उपेक्षा के

“शिव का प्रत्यक्ष विराजमान स्वरूप: ज्योतिर्लिंग”

जिस आदि, अनंत, अविनाशी की चारों युग और कालचक्र स्वयं आराधना करते है, उस भक्तवत्सल महायोगी, जो संसार के कण-कण में व्याप्त है ने वसुंधरा पर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए स्वयं को ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विराजमान किया है। वह शिव शंकर अनंत काल से ज्योतिर्लिंग रूप में

“वैरागी शिव देते अपने भक्तों को वैभव”

महादेव शिव शंभू वैसे तो स्वयं वैराग्य को अपनाते है, पर वे स्थिर लक्ष्मी एवं वैभव को प्रदान करने वाले देव है। भक्तवत्सल शिव को पूजना तो सदैव ही शुभ होता है, पर श्रावण मास तो भगवान शिव के नाम ही किया जाता है। जल की धार से ही प्रसन्न

“नकारात्मकता में सकारात्मकता का पर्याय शिव”

श्रावण का सम्पूर्ण माह भक्तवत्सल, कल्याणस्वरूप, अनंत और अविनाशी शम्भूनाथ को समर्पित है। यह मास शिव उपासना एवं स्मरण का अत्यंत श्रेष्ठ मास है। भोलेनाथ तो समस्त आडंबर से मुक्त देव है। भक्त अपने जीवन की बाधाओं को शिव को समर्पित कर अतिशीघ्र मनोकामना पूर्ति करने वाले आशुतोष को श्रद्धापूर्वक

उज्जैनः 250 साल में पहली बार भक्त नहीं कर पाएंगे नागचंद्रेश्वर मंदिर में पूजन

उज्जैन। 25 जुलाई को नाग पंचमी है। हर साल सिर्फ इसी दिन उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के शिखर पर मौजूद नागचंद्रेश्वर भगवान के पट आम भक्तों के लिए खोले जाते हैं। लेकिन, इस साल कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालु प्रत्यक्ष रूप से नागचंद्रेश्वर की दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन

“जीवन के सत्य से साक्षात्कार करवाते शिव”

कल्याणस्वरूप शिव की प्रत्येक लीला देवताओं, ऋषियों एवं समस्त प्राणीमात्र के लिए प्रेरणादायी है। समस्त देवी-देवताओं में शिव की वेशभूषा अद्भुत एवं विचित्र है। साधक शिव की हर वेशभूषा से जीवन के सत्य को जान सकता है। त्याग, ध्यान में लीन रहने वाले शिव अपनी वेशभूषा से साधक को जीवन