
जयपुर। विधानसभा के मौजूदा सत्र में आज गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने प्रतिपक्ष और भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक के भारी विरोध और वाकआउट के बीच दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 सदन में पेश किया। गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया और संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने विधेयक का विरोध कर रहे सदस्यों को हालांकि, आश्वासन दिया कि चर्चा के दौरान उनकी शंकाओं का समाधान किया जाएगा। इसके बावजूद कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी और भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने अध्यक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा विधेयक पर बोलने की अनुमति नहीं देने और विधेयक के विरोध में सदन से वाकआउट किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के रमेश मीणा ने दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 के विरोध में बोलना शुरू किया। हालांकि अध्यक्ष ने उनकी बातों को सदन की कार्यवाही में अंकित नहीं करने का निर्देश दिया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कटारिया ने दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 जबकि अन्य मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग के विधेयक सदन में पेश किये। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मौजूदगी में तिवाड़ी ने अध्यक्ष से उक्त विधेयक पर बोलने के लिए दो बार अनुमति मांगी और आसन के इनकार से नाराज होकर सदन से बहिर्गमन किया।
निर्दलीय विधायक माणिक चंद सुराणा ने उक्त संशोधन विधेयक नियमों के तहत पेश नहीं करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति की पूर्वानुमति अनिवार्य है। उनकी पूर्वानुमति के बगैर इसे पेश नहीं किया जा सकता। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी भी इस मुद्दे पर बोलना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। प्रतिपक्ष और सत्ता दल के एक विधायक के विरोध के बीच कटारिया ने कहा, ‘‘मैंने अभी इस विधेयक को पुरस्थापित किया है जब चर्चा हो, तभी बहस करें, सरकार हर बात का जवाब देगी।’’