
दो टीआई को बलि का बकरा बनाया मैडम ने…!
मंदसौर । पुलिस कप्तान श्री ओमप्रकाश त्रिपाठी की पदस्थापना के बाद पुलिस कप्तान ने एक हल्का सा फेरबदल किया था। इस फेरबदल में ट्रेनिंग प्राप्त करने आये आईपीएस सांईकृष्ण एस थोटा को मंदसौर शहर कोतवाली, व्हायडी नगर एवं भावगढ़ थाने का प्रभारी बना दिया गया तो वहीं पूर्व पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा के कार्यकाल में पदस्थ सीएसपी संध्या राय को नई आबादी थाना, अफजलपुर थाना एवं नाहरगढ़ थाने का प्रभार दिया गया था ।
पूर्व में सीएसपी संध्या राय की यह शिकायत थी कि आता-जाता कुछ नहीं और भारत माता का रोल अदा कर भेंट पूजा में अग्रणी भूमिका निभा रही है । इसी कड़ी में शहर कोतवाली के दो थानेदार सीएसपी संध्या राय की कार्यशैली से बलि के बकरे बने, उसके बाद सीएसपी ने नाहरगढ़ पकड़ा और नाहरगढ़ से पूरी सेटिंग करने का प्रयास किया और नाहरगढ़ में लिफाफा दंगल कुश्ती चली और लिफाफा दंगल कुश्ती में सीएसपी सफल नहीं हो पाई तब सिद्दिकी से सांठगांठ कर ऐसे मामले को उलझाया कि नाहरगढ़ का टीआई बी.एल. सौलंकी एवं थानेदार रऊफ खान दोनों लाईन हाजिर हो गये…!
उनके लाईन हाजिर होने के बाद सीएसपी ने नई आबादी थाने को लिफाफा थाना बनाने का प्रयास किया । चार सौ बीसी के प्रकरण में करीब 50 से अधिक आरोपियों की कहानी में बहस चली एवं लिफाफे के बंटवारे को लेकर बड़ी लड़ाई चली । फिर शराब वाले प्रकरण में भी जमकर बहस चली तो वहीं महिला की आगजनी के मामले में भी बड़ा विवाद चला । इस विवाद में सीएसपी ने टीआई पुष्पा चौहान पर आरोप लगाया कि उसने सामने वाली पार्टी से 6 लाख रूपये लिये और जो महिला जली उसके परिजनों को मात्र 2 लाख रूपये देकर 4 लाख रूपये एंटी कर गई…!
इन सारे मामलों के साथ ही शराब तस्करी के मामले में सीएसपी संध्या राय और पुष्पा चौहान दोनों आमने-सामने हुई और प्रकरण को लेकर दोनों में कहा-सुनी हो गई ।
अचानक सारे घटनाक्रम में क्रिकेट के सट्टे को लेकर एक नया बवाल खड़ा हुआ । बताया जाता है कि क्रिकेट का सट्टा उस क्षेत्र में पुलिस कप्तान के निर्देशन में व्हायडी नगर ने पकड़ा था, व्हायडी नगर इस मामले में प्रकरण पंजीबद्ध करने को तैयार नहीं था और ऐसी स्थिति में टीआई पुष्पा चौहान थाने में नहीं पहुंची । तमाम प्रकरणों की लापरवाहियों को देखते हुए गंीरता से लेकर पुलिस कप्तान ने पुष्पा चौहान को लाईन अटैच कर दिया ।
वहीं दूसरी ओर भानपुरा में लगातार गेंदालाल बिलोनिया की शिकायतों के साथ ही उनके एक मामले में डीई चल रही थी और पुलिस मेन्युअल के अनुसार जिस टीआई की गंभीर मामले में डीई चलती है उसे थाना नहीं दिया जा सकता है ऐसी परिस्थिति में पुलिस कप्तान ने गेंदालाल बिलोनिया को भी लाईन अटैच कर दिया ।
वहीं चौथी परिस्थिति में मल्हारगढ़ के टीआई के.के.शर्मा का तबादला लम्बे समय से भोपाल हो चुका था उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा था ऐसी स्थिति में कप्तान ने गरम-गरम लोहे पर हथोड़ा मारते हुए मल्हारगढ़ के टीआई को भी ताबड़तौब कार्यमुक्त कर दिया ।
आज की स्थिति में जिले के चार थाने नई आबादी मंदसौर, मल्हारगढ़, नाहरगढ़ एवं भानपुरा चारों थाने टीआई मुक्त है । अब कप्तान इसमें किसकी पोस्टिंग करेंगे यह तो कप्तान के ऊपर है परन्तु मामले ऐसे गंभीर है कि सारी परिस्थिति में कप्तान के लिए कुछ निर्णय लेना बड़ा गंभीर हो गया है ।
वहीं दूसरी ओर शामगढ़ के टीआई प्रतीक राय को भी हटाने के साथ ही वहां दिलीप राजोरिया को वर्तमान में थाना प्रभारी का चार्ज है । प्रतीक राय भी इन दिनों राजनीति हस्तक्षेप के साथ ही वापस शामगढ़ टीआई या फिर भानपुरा, नाहरगढ़, मल्हारगढ़ एवं नई आबादी में टीआई की पोस्टिंग कराने के लिए राजनीतिक गलियारे में सक्रिय भूमिका निभा रहे है ।