
रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने माना स्थित चौथीं बटालियन में शहीदों की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर, सीएम डॉ रमन सिंह सहित सीआरपीएफ के अधिकारियों ने भी पुष्प हार अर्पित किए। 25 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद पार्थिव देह को उनके गृहग्राम भेजा गया। घटना के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने इस हमले को चुनौती की तरह लिया है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सल हमले पर कमांडेंट ऑफिस में एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर, मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, प्रदेश के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी, डीजी सीआरपीएफ, डीजीपी छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। जिसमें एंटी नक्सल ऑपरेशन की रणनीति को रिव्यू करने पर बात हुई। इसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह रामकृष्ण अस्पताल पहुंचे और नक्सली हमले में घायल जवानों से मुलाकात की।
8 मई को दिल्ली में होगी बैठक
उच्च अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सलियों के हमले को कायरता पूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को ढाल बनाकर नक्सली विकास के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार इनके खिलाफ मिलकर कार्रवाई करेगी। गृहमंत्री ने कहा अब तक हमने जो कार्रवाई की है उससे बौखलाकर ही नक्सलियों ने यह हमला किया है। इसे हम चुनौती के रूप में ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन को रिव्यू करने के लिए दिल्ली में 8 मई को एक बैठक बुलाई गई है। वामपंथी उग्रवादी लगातार विकास कार्यों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि आदिवासियों और गरीबों का विकास हो, वे ही आदिवासियों के असली दुश्मन हैं।
गृहमंत्री ने कहा जिन जवानों ने बलिदान दिया है उनके प्रति मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनका बलिदान हम किसी भी सूरत में व्यर्थ नहीं जाने देंगे। पत्रकारों द्वारा पूछ गए सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां लीडरशिप की कमी नहीं है, अगर रिव्यू के दौरान हमें ऐसा लगता है कि यहां और सीनियर अधिकारियों की जरूरत है तो उनकी पोस्टिंग भी की जाएगी।
सुकमा की लड़ाई नक्सली आंदोलन के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई
सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा कि सुकमा में चल रही लड़ाई नक्सली आंदोलन के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि उस इलाके में लगातार विकास किया जाएगा ताकि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन सफलता पूर्वक चल सके। क्षेत्र में सड़कों और स्कूलों के निर्माण से उनका किला ध्वस्त हो रहा है, जिससे वे बौखलाए हुए हैं।
शहीद हुए जवान
रघुवीर सिंह (पंजाब), केके दास (बंगाल), संजय कुमार (हिमाचल प्रदेश) रामेश्वर लाल (राजस्थान) नरेश कुमार (हरियाणा), सुरेंद्र कुमार (उत्तर प्रदेश), बन्ना राम (राजस्थान), केपी सिंह (उत्तर प्रदेश), नरेश यादव (बिहार) पद्मनाभन (तमिलनाडु), सौरभ कुमार (बिहार), अभय मिश्रा (बिहार), बनमल राम (छत्तीसगढ़), एनपी सोनकर (मध्य प्रदेश), राम मेहर (हरियाणा), अरूप कर्माकर (बंगाल), केके पांडेय (बिहार), बीसी बर्मन (बंगाल), पी अलगूपंडी (तमिलनाडु), अभय कुमार (बिहार), एन सेंथिल कुमार (तमिलनाडु), एन थिरुमुरगन (तमिलनाडु), रंजीत कुमार (बिहार), आशीष सिंह (झारखंड), मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश)
यह हैं घायल जवान
आरसी हेम्बराम, महेंद्र सिंह, सौरभ कुमार, जितेंद्र कुमार, शेर मोहम्मद, लच्छू ओरांव और सोनवाने ईश्वर सुरेश।