
उपयंत्री बोले काली मिट्टी से बंद कर दी है दरारें, सीमेंट का कार्य करती है काली मिट्टी !
मंदसौर संदेश/मंदसौर/पिपलियामंडी
काका गाड़गिल सागर बांध के साइड की पाल धंसने के बाद जल संसाधन विभाग की लापरवाही उजागर हुई। पाल को दुरस्त करने के लिए बिना सूचना दिये डेम का गेट खोल दिया, जिससे आस-पास के कई गांवों में हड़कंप मच गया, वहीं लाखों गैलन पानी व्यर्थ बह रहा है। शुक्रवार देर शाम तक गेट बंद नही किया था ।
जानकारी के अनुसार मल्हारगढ़ भैंसाखेड़ा स्थित काका गाडगिल सागर बांध पर 27 जुलाई को शाम 7 बजे एक साइड की पाल धंस गई व गहरा गड्डा हो गया। जल संसाधन विभाग एई बीएल निनामा आदि डेम पहुंचे तो पता चला कि गाइड वाल लीकेज थी। अधिकारियों ने बिना सूचना के अचानक 3 नम्बर गेट खोल दिया और धंसे हिस्से का भराव काली मिट्टी से शुरु कर दिया, इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पाल धंसने की सूचना और गेट खोले जाने से आस-पास के ग्रामीण दहशत में है। अमरपुरा के सरपंच प्रतिनिधि मुकेश पाटीदार ने बताया पाल में करीब 10 फिट गहरा गड्डा हो गया था, बांध की मुख्य नींव सहित बांध के उपर भी कई जगह पीपल के पौधे भी उग चुके है। जिससे साफ जाहिर होता है कि बरसात के पूर्व मेंटनेस के नाम पर संबंधित अधिकारी खानापूर्ति करते है और शासन को चूना लगाया जाता है, जिसका बड़ा खामियाजा क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ सकता है, पहली बरसात में ही गेट की पाल धंस गई तो मेंटनेस के समय कर्मचारियों ने :या किया ? यहां यह भी उल्लेखनीय है कि गेट खोलने के बाद बांध में मछलियां पकड़ने का कार्य चल रहा है, जबकि एसे हालातों में यह कार्य प्रतिबंधित रहता है, विभाग व मछली ठेकेदारों की मिली भगत के चलते जान-जोखिम में डालकर मजदूर मछलियां पकड रहे है।
काली मिट्टी करती है सीमेंट कार्य
जल संसाधन विभाग के उपयंत्री ओपी राजौरिया का कहना है बिजली गिरने से गाइड वाल ने करीब ढ़ाई इंच का जाइंट छोड़ दिया था। और पानी बहना शुरु हो गया था, चौकीदार की सूचना पर मौके पहुंचे और धंसे हुए हिस्से को काली मिट्टी से बंद कर दिया है, राजौरिया का कहना है काली मिट्टी सीमेंट का कार्य करती है, हमने इसे सही कर दिया है, अब कोई दुर्घटना वाली बात नही, सब कंट्रोल कर लिया है ।