
भोपाल। एसिड अटैक के मामलों में अब पीड़ितों को प्रधानमंत्री राहत कोष से भी एक लाख रुपए की मदद मिलेगी। इसी तरह पहली बार लैंगिक अपराध (दुष्कर्म को छोड़कर) होने की दशा में सरकार 50 हजार रुपए की सहायता देगी।
इसके लिए गृह विभाग मध्यप्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 में बदलाव करने जा रहा है। इसमें हत्या या गंभीर मामलों में सहायता राशि के लिए अदालत से सजा का इंतजार किए बगैर आधी राशि मुहैया कराई जाएगी।
विभाग ने प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वरिष्ठ सचिव समिति को भेज दिया है। मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि फरवरी 2016 में मुख्यमंत्री ने गृह विभाग की समीक्षा के दौरान मध्यप्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना को सरल बनाने के निर्देश दिए थे।
दरअसल, योजना के दायरे में आने वालों को सहायता राशि हासिल करने के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। हत्या और गंभीर अपराधों में भी अदालतों में मामले चलने के कारण पीड़ित के परिवार को सहायता नहीं मिल पाती है। इसके मद्देनजर गृह विभाग ने 11 जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिवों के साथ बैठक करके योजना में बदलाव का खाका तैयार किया है।
इसके तहत एसिड अटैक के पीडितों को अब प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपए अलग से दिए जाएंगे। अभी तक पीड़ितों को इस कोष से कोई राशि नहीं दी जाती थी। इसके लिए पीड़ित को अलग से आवेदन नहीं करना होगा। जिला मजिस्ट्रेट इसकी एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय और एक गृह मंत्रालय को भेजेंगे। इसके अलावा अब योजना में एसिड अटैक से 40 प्रतिशत से ज्यादा या कम कुरूपता होने जैसी शर्त भी नहीं होगी।
अभी ये है प्रावधान
मौजूदा योजना में एसिड अटैक से कुरूपता 40 प्रतिशत से ज्यादा होने पर अधिकतम तीन लाख रुपए की सहायता दी जाती है। इसमें सूचना देने की तारीख से 15 दिन के भीतर 1 लाख और बाकी 2 लाख रुपए दो माह के भीतर देने के साथ सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज कराया जाता है। इसी तरह कुरूपता 40 प्रतिशत से कम होने पर डेढ़ लाख रुपए दिए जाते हैं।
ये प्रावधान भी होंगे शामिल
सूत्रों के मुताबिक मानव दुर्व्यवहार के पीड़ित का पुनर्वास करने के लिए योजना के तहत एक लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इसी तरह शरीर के 25 प्रतिशत या इससे ज्यादा जले होने पर 2 लाख रुपए की सहायता की पात्रता होगी।