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घायल को अस्पताल पहुंचाने की जगह किया जा रहा था 108 का इंतजार

बस की चपेट मे आने से बाईक सवार घायल

प्रतापगढ़ । जब से राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की सरकार द्वारा 108 एम्बुलेंस का संचालन प्रारंभ किया है, आम जनता ने अपने कर्त्तव्यों से मुंह मोड़ लिया है । कहीं भी दुर्घटना होती है तो घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने की जगह 108 को कॉल किया जाता है, 108 के पहुंचने का इंतजार किया जाता है और इस बीच अगर 108 के पहुंचने के दौरान उस घायल की मृत्यु हो जाए तो सारा दोषारोपण 108 एम्बुलेंस पर कर दिया जाता है कि 108 ने आने में देरी की इस कारण घायल की मृत्यु हो गई लेकिन आम जनता यह नहीं समझती कि अगर 108 एम्बुलेंस को फोन लगाने की जगह वे ही घायल को अस्पताल पहुंचा देते तो वह बच जाता ।

ऐसा ही एक मामला सालमगढ़ थाना क्षेत्र में देखने को मिला जहां एक बस की चपेट में एक बाईक सवार आ गया। मौके पर सैकड़ों की भीड़ थी, हर आने-जाने वाला रूक गया लेकिन घायल सड़क किनारे खून में लथपथ पड़ा था उसे अस्पताल ले जाने को कोई तैयार नहीं था । 108 एम्बुलेंस को फोन कर दिया गया था और सब उसी का इंतजार कर रहे थे । 108 आई और घायल व्यक्ति को अस्पताल ले गई । शायद मानवता 108 एम्बुलेंस के चलने से आम जनता के दिलों से गायब हो गई है ।

मामले की जानकारी इस प्रकार है कि सालमगढ़ से प्रतापगढ़ चलने वाली निजी बस ने बाइक सवार को अपनी चपेट में ले लिया । हादसा इतना जबरदस्त था कि बाइक बस के टायर के नीचे आ गई लेकिन गनीमत रही कि बाइक सवार रतनलाल पिता केसुराम मीणा बस की चपेट में आने से बच गया और सड़क की साईड में जा गिरा । मौके पर अरनोद पुलिस पहुंची व् बस को जप्त कर कारवाई शुरु कर दी । वहीं घायल रतनलाल मीणा खून से लथपथ सड़क की साईड में पड़ा रहा और लोग 108 का इंतजार करते रहे । 108 की सहायता से रतनलाल को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार जारी है ।

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