
गुना। मध्य प्रदेश के गुना में जमीन अतिक्रमण मामले में जहर खाने वाले परिवार के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। जगनपुर चक स्थित करोड़ों रुपए कीमती जमीन से दूसरी बार कब्जा हटाने के दौरान बटियादार दंपती ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी।
इस बीच ऐसी भी खबर आई है कि परिवार के बच्चों को अनाथाश्रम में रखा जाएगा। तबादले से पहले कलेक्टर एस. विश्वनाथन ने बताया था कि बच्चों की देखभाल के लिए कोई नहीं है, इसलिए उन्हें अनाथाश्रम में रखा जाएगा। इस परिवार के पुनर्वास के लिए भी हम इंतजाम कर रहे हैं। यह जमीन भू-माफिया गब्बू पारदी के कब्जे में है। इस मामले में बुधवार रात को कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया है।
मंगलवार दोपहर इस जमीन से फिर से कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान ही बटियादार राजकुमार अहिरवार एवं उसकी पत्नी ने जहर खा लिया था। दोनों की स्थिति नाजुक है। पुलिस का दावा है कि गप्पू पारदी ने ही परिवार को जहर खाने के लिए उकसाया था। इस मामले में बटियादार राजकुमार अहिरवार और उसके परिवार के सदस्य शिशुपाल अहिरवार, सावित्री बाई सहित 8 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। जिला अस्पताल में भर्ती राजकुमार और उसकी पत्नी की स्थिति खराब है। वह ठीक से नहीं बोल पा रहे हैं। राजकुमार की बहन ने बताया कि एक साल तक भूमि खाली पड़ी रही, किसी ने काम शुरू नहीं किया। हमें गप्पू पारदी ने जमीन बटिया पर दी थी।
पिछले साल हटाया था कब्जा
इस भूमि से राजस्व विभाग ने वर्ष 2019 में ही कब्जा हटा दिया था। गप्पू पारदी को बेदखल कर दिया गया था। फिर उसने यह भूमि बटिया से कैसे दी? राजस्व विभाग का दावा है कि एक साल पहले ही उच्च शिक्षा विभाग को जमीन दी जा चुकी है तो अब तक काम क्यों शुरू नहीं किया गया। वहीं ठेकेदार राधेश्याम अग्रवाल का कहना है कि हमें अब तक काम करने के लिए जमीन ही नहीं मिली तो कैसे निर्माण होता? इसलिए फिर से जमीन खाली कराने के लिए पत्र लिखा था।