
जिला कलक्टर नेहा गिरि ने अधिकारियों को समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
प्रतापगढ़ । मरूभूमि में सदियों से लोगों के लिए पेयजल का महत्वपूर्ण साधन रहे टांके अब कांठल क्षेत्र में भी लोगों की प्यास बुझाएंगे। एमजेएसए व महानरेगा समेत विभिन्न योजनाओं में इनके निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि बरसाती पानी को सहेजा जा सके और लोगों की पेयजल समस्याओं का भी निदान हो।
सोमवार को आवश्यक सेवाओं एवं विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान जिला कलेक्टर नेहा गिरि ने इस संबंध में निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में कम बरसात के बावजूद पेयजल टांके लोगों के लिए उपयोगी साबित होते हैं। चूंकि प्रतापगढ क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है, इसलिए ये टांके वर्षभर लोगों के पीने के पानी के लिए काम आ सकते हैं। उन्होंने एमजेएसए प्रभारी अधीक्षण अभियंता गणेश लाल रोत से कहा कि वे मुख्यमंत्रा जल स्वावलंबन अभियान एवं महानरेगा में ऐसे कार्यों को शामिल कराएं और लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। भविष्य में बनने वाली सरकारी इमारतों में भी वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्टचर को अनिवार्य किया जा सकता है, ताकि इमारतों की छत से बहकर जाने वाला बरसाती पानी टांके में संग्रहित हो सके। एमजेएसए की डीपीआर में जो टांके सम्मिलित किए गए हैं, उन्हें मॉडल टांकों के रूप में विकसित करें और जहां ज्यादा बारिश होती है, वहां प्राथमिकता से ऐसे टांकों का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि टांके यहां के लोगों के लिए खासा उपयोगी साबित हो सकते हैं और हमें यहां इस तरह के प्रचलन को प्रोत्साहित करना चाहिए।
जिला कलेक्टर ने इस दौरान पेयजल, बिजली एवं स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि गर्मी के मौसम को देखते हुए सभी अधिकारी सतर्क रहें और सेवाओं को दुरुस्त रखें। उन्होंने सीएमएचओ से कहा कि मौसमी बीमारी से बचाव के लिए समस्त उपाय करें और मच्छर पैदा हो सकने वाले स्थानों पर एंटी लार्वल एक्टिविटी करें। उन्होंने जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीन यथाशीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए और पट्टा आवंटन अभियान के दौरान बीएसबीवाई समेत विभिन्न योजनाओं का प्रचार करने के लिए कहा।
जिला कलक्टर ने इस दौरान नगर परिषद आयुक्त अशोक जैन से कहा कि वे शहर में आवारा पशुओं की समस्या का निराकरण कराएं तथा जिला अस्पताल तथा अन्य स्थानों पर हुए अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करें। उन्हांंने कचरा निस्तारण की समीक्षा करते हुए कहा कि शहर को जल्द से जल्दी ओडीएफ कराएं। उन्होंने डिस्कॉम एसई से कहा कि गर्मियों के दौरान बिजली व्यवस्था को सुचारू रखने के साथ-साथ यह भी देखें कि ढीले तारों आदि के कारण कोई दुर्घटना नहीं हो। इसके अलावा बिजली के राजस्व घाटे को कम करने के लिए अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए फीडर पर बैठक कराएं तथा इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करें। उन्होंने जलदाय विभाग के एक्सईएन से कहा कि वे पट्टा आवंटन अभियान के दौरान अपने अधिकारियों को गांवों में भेजकर पेयजल सेवाओं के संबंध में फीडबैक लें और समस्याओं का निराकरण कराएं। उन्होंने सानिवि अभियंता से कहा कि वे गौरव पथ निर्माण के दौरान गुणवत्ता का खास ध्यान रखें। उन्होंने कृषि एवं उद्यान अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कृषि विज्ञान केंद्र के साथ समन्वय कर गांवों में किसान सम्मेलन कराएं, जिनमें किसानों को कृषि योजनाओं, नवाचार और तकनीक की जानकारी दी जा सके। इस दौरान सॉयल हैल्थ कार्ड भी वितरित कराएं।
कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि वे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का समुचित प्रचार-प्रसार करें और यह सुनिश्चित करें कि पात्रा एवं जरूरतमंद लोगों को इन योजनाओं का समुचित लाभ मिले। इस दौरान सीएमएचओ डॉ ओपी बैरवा, डिस्कॉम एसई आरके शर्मा, कृषि उपनिदेशक कृष्ण कुमार, जलग्रहण अधीक्षण अभियंता गणेश लाल रोत सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।