
भ्रूण लिंग जांच करने के आरोप में नीमच का डॉ.गुप्ता हुआ गिरफ्तार
प्रतापगढ़ । राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ ने रविवार को 14 वां अंतर्राज्यीय डिकॉय ऑपरेशन करते हुए मध्यप्रदेश के नीमच जिले में भू्रण लिंग जांच करने के आरोप में 56 वर्षीय चिकित्सक आर.के गुप्ता को गिरफ्तार किया। उल्लेखनीय है कि राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ का यह अब तक का 66 वां एवं मध्यप्रदेश में पहला डिकॉय ऑपरेशन है ।
स्वास्थ्य सचिव, अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं एमडी एनएचएम नवीन जैन ने बताया कि नीमच के डॉ. गुप्ता द्वारा पंजीकृत नीमच सोनोग्राफी एवं डायनोस्टिक सेंटर पर भू्रण लिंग जांच करने की सूचना मिल रही थी। यह चिकित्सक सीधे ही गर्भवती महिलाओं से पैसे लेकर जांच करता था । जैन ने बताया कि डिकॉय कार्यवाही के दौरान गर्भवती डिकॉय महिला को डॉ. गुप्ता ने पहले निम्बाहेडा बुलाया। इसके बाद निम्बाहेडा से नीमच बुलाया। रविवार की शाम को डॉक्टर द्वारा 30 हजार रूपए लेकर लिंग जांच कर भू्रण जांच कर भू्रण की जानकारी दी तथा गर्भपात कराने के लिए 30 हजार रूपए की मांग की। टीम को डिकॉय महिला द्वारा इशारा करने पर कार्यवाही कर डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया ।
डॉक्टर को दिए गए 30 हजार रूपए हुबहू बरामद किए गए व पंजीकृत सोनोग्राफी मशीन मय दस्तावेजों सहित जब्त कर ली। उन्होनें बताया कि गुप्ता द्वारा महिला को दो बार पहले भी बुलाया गया था। टीम ने लगातार चिकित्सक पर निगरानी रखी और तीसरे प्रयास में जब चिकित्सक को पकड़े जाने का शक दूर हुआ तो तीसरी बार में इस महिला के भू्रण लिंग जांच की गयी। उन्होने बताया कि आरोपी चिकित्सक को सोमवार को चिŸाड़गढ न्यायालय मे पेश किया गया। जहां आरोपी डॉक्टर को 28.04.2017 न्यायिक अभिरक्षा में भेजते हुए जेल में भेजा गया। मिशन निदेशक ने बताया कि एएसपी रघुवीर सिंह के नेतृत्व में गठित टीम में सीआई सीताराम बैरवा, विक्रम सेवावत, लालूराम, राजेन्द्र, पीसीपीएनडीटी समन्वयक प्रतापगढ़ संदीप कुमार शर्मा, चिŸाड़गढ़ से शफीक षेख, उदयपुर से मनीषा भटनागर, डुंगरपुर से सुमित्रा तथा जिला आशा समन्वयक विष्णु डांगी शामिल थे।
जिला नोडल अधिकारी पीसी पीएनडीटी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रतापगढ डॉ. ओ.पी बैरवा ने बताया कि उक्त कार्यवाही में शामिल गर्भवती महिला अरनोद, प्रतापगढ से टीम में शामिल थी तथा साथ ही बताया कि प्रतापगढ़ द्वारा यह दूसरी कार्यवाही की गयी है प्रथम बांसवाडा में 17.02.2017 को की गयी थी तथा बताया कि जिला समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं जिला कलेक्टर के निर्देश पर अगर कही भी शिकायत पायी जाती है तो पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 के अंतर्गत तुरंत कार्यवाही की जायेगी। विभाग द्वारा अपने ही कार्मिकों पर कड़ी नजर रखे हुए है। ऐसा कृत्य जिले में नही करने देंगें।