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सब्जी मंडी में खुली लूट एवं खुली कमीशनखोरी पर मंडी अध्यक्ष रमादेवी गुर्जर का कोई अंकुश नहीं…!

मंदसौर संदेश/मंदसौर

आज की स्थिति में कृषि उपज मंडी की अध्यक्ष अगर रमादेवी गुर्जर को असली किसान की बेटी, पत्नी होने की उपाधि दी जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि रमादेवी गुर्जर के पति बंशीलाल गुर्जर भी एक असली किसान होकर भारतीय जनता पार्टी में मंदसौर से लगाकर भोपाल तक और भोपाल से लगाकर दिल्ली के गलियारे तक किसान नेता के रूप में अपनी एक विशेष पहचान बना चुके है।
ऐसी स्थिति में मंदसौर कृषि उपज मंडी में मंडी अध्यक्ष रमादेवी गुर्जर है और मंदसौर की नई आबादी पुरानी कृषि उपज मंडी में लगने वाली सब्जी मंडी कृषि उपज मंडी में आती है । इस सब्जी मंडी में मंडी टैक्स, कमीशनखोरी, के नाम पर दलालों द्वारा जो किसानोंके साथ लूट की जा रही है वह एक अपने आप में अनोखी लूट है । टैक्स के नाम पर मंडी मेंआए नील बटे सन्नाटा है ! आवक के नाम पर किसानों के साथ खुली लूट है !

आज की स्थिति में 80 प्रतिशत सब्जियाँ बाहर से आ रही है । इन सब्जियों को दलाल दो कोटे से मंगाते है । इनका एक कोटा है बीजक का माल, बीजक के माल में यह निर्धारित है कि वह भाव तय करके सब्जियां मंगाते है और उसके बाद इन सब्जियों को मनमाने ढंग से मंदसौर सब्जी मंडी में बेचते है । क्योंकि बीजक के माल में भाव जो तय होते है वह दलालों तथा सब्जी बेचने वाले व्यापारियों के बीच में तय होते है । इसकी जानकारी किसी को नहीं होती है और फिर खुली लूट से मंदसौर कृषि उपज मंडी में सब्जियां बेची जाती है ।

दूसरा माल आसपास के राज्य, दो सौ-ढाई सौ किलोमीटर दूरी या अपने ही राज्य मध्यप्रदेश से जो माल (सब्जियां) मंगाते है वह बिक्री का माल होता है यानेकि सब्जियां मंदसौर मंडी में आती है, नीलाम होती है, क्या भाव नीलाम हुई उसका प्रतिबंध नहीं है । सिर्फ उसमें तो दलालों का 3 प्रतिशत से लगाकर 5 प्रतिशत तक का हिसाब किताब रहता है चाहे सब्जी किसी भी भाव बिके, किसी भी भाव नीलाम हो…!
सब्जी मंडी में नीलामी में आर्थियों ने एक रूल बना रखा है कि वह खुले रूप से किलो-दो किलो सब्जी आम जनताको नहीं देंगे । यह किलो-दो किलो सब्जी बाहर से जनता को लेना होगी । अब बाहर टैक्स के नाम पर सब्जियों के भाव आसमान को छू रहे है । सब्जी के भाव सुनते ही लोगों के कान खड़े हो जाते है और बाहर सब्जियां बेचने वाले टैक्स के नाम पर सब्जियों के भाव तय करते है…!
इसके साथ ही सब्जियां उगाने वाला आम किसान अपनी सीजन में इतना परेशान होता है कि इस मंदसौर की सब्जी मंडी में अव्यवस्थाओं का अंबार है । नीलाम करते समय दलालों के छर्रे किसानों की नीलामी में से किलो, दो-दो किलो सब्जियां निकाल लेते है और बेचारा विवशकिसान दलालों के छर्रों के सामने घुटने टेक देता है..!

जब बंशीलाल गुर्जर कृषि उपज मंडी अध्यक्ष थे तब उन्होंने दावा किया था कि चारों तरफ कैमरे लगाए गए है और अगर किसानों की पोटली में से अगर कोई दलाल का छर्रा सब्जी निकालेगा तो कठोर कार्यवाही के साथ ही दलाल का लायसेंस भी निरस्त किया जाएगा परन्तु आज तक इस सब्जी मंडी में ऐसा कोई काम कृषि मंडी प्रशासन ने करके नहीं दिखाया है यह मंदसौर संदेश का दावा है ।

कहां कितना आ रहा है मंडी टैक्स ?

मंडी टैक्स को लेकर जहां एक खुली लूट का संदेश दे रही है वहीं कितना आ रहा मंडी टैक्स इसका कोई हिसाब-किताब किसी के पास नहीं है क्योंकि न तो कहीं कांटे लगे हुए है कि सब्जी आते से ही तुले कि कितनी सब्जी आई है और न कोई बिकने के कांटे लगे हुए है कि कितनी सब्जी बिकी और एक दिन का टैक्स कितना बना ? दलाल के छर्रे पर्चियां लेकर घूमते है और प्रतिदिन पैसा वसूल करते है, उन पर्चियों का कोई लेखा-जोखा न तो दलालों के पास है और न मंडी कमेटी के पास है…! अव्यवस्थाओं के अम्बार में इस खुली लूट पर कोई अंकुश नहीं है ।

वहीं बताया जाता है कि भरपूर सीजन करीब जो 8 महीने की रहती है इस सीजन में सब्जी मंडी का टर्न ओवर करीब 15 से 20 लाख रूपये के बीच होता है जबकि उस समय सब्जियों के भाव नाम मात्र के रहते है क्योंकि उस समय किसानों के पास सब्जियां उपलब्ध रहती है । तब ऐसी स्थिति में तरोई 6 रूपये किलो, गिलकी 6 रूपये किलो, भिंडी 5 से 8 रूपये किलो, लोकी 2 से 3 रूपये किलो, हरी मिर्ची 4 से 8 रूपये किलो बिकती है । मुख्य रूप से टमाटर जो आज 80 से 100 रूपये किलो बिक रहा है वह टमाटर 2 रूपये से 5 रूपये किलो बिकता है और आज की स्थिति मे इन्हीं सब्जियों के भाव किसी के दस गुना है, तो किसी सब्जी के भाव बीस गुना है…!

अब ऐसी स्थिति में वर्तमान में मंदसौर सब्जी मंडी का टर्न ओवर 8 लाख से लगाकर 12 लाख रूपये प्रतिदिन है । अब इतना लम्बा चौड़ा टर्न ओवर होने के बाद मंडी टैक्स कितना जमा होता है यह अपने आप में खुली लूट, खुली कमीशनखोरी और अन्य अत्याचार की परिधि में आता है क्योंकि मंडी टैक्स महीने कोई दो हजार जमा करा रहा है, कोई ढाई करा रहा है तो कोई तीन करा रहा है….!

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