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रिसॉर्ट पर छापा नहीं पड़ा, विधायकों से पूछताछ नहीं हुईः जेटली

नई दिल्ली । कांग्रेस ने आज कर्नाटक के एक मंत्री के ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई को गुजरात से राज्यसभा चुनाव से जोड़ते हुए केंद्र सरकार पर सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का और विपक्षी विधायकों को डराने, धमकाने का आरोप लगाया, वहीं सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि इन तलाशियों का गुजरात चुनाव या विधायकों से कोई लेना-देना नहीं है और यह आर्थिक अपराध से संबंधित कार्रवाई है।

सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने कुछ समय आसन के समीप आकर नारेबाजी की और कुछ देर सदन से वाकआउट किया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्यकाल में आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक फायदे के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक राज्यसभा सदस्य को जीतने से रोकने के लिए सरकार गुजरात के कांग्रेस विधायकों को डराने, धमकाने का प्रयास कर रही है और उन्होंने पांच सदस्यों को भी इसी तरह दल बदलने के लिए विवश किया है। उन्होंने कहा कि इसलिए गुजरात के 42 कांग्रेस विधायकों को बेंगलूरू के एक रिसॉर्ट में सुरक्षित रखा गया लेकिन सरकार ने आज सुबह आयकर विभाग के अधिकारियों को रिसार्ट में भेजकर विधायकों को डराने, धमकाने का प्रयास किया है। खड़गे ने कहा कि कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं पर भी छापेमारी की कार्रवाई की गयी है। ‘‘भाजपा की ओर से प्रतिशोध की राजनीति ऐसे ही चलती रही तो लोकतंत्र में कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बचेगी।’’
कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि शायद विपक्षी सदस्यों को पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं विभाग से जानकारी ली है और उनका सत्यापन किया है। जेटली ने कहा कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने किसी रिसॉर्ट पर गुजरात के किसी विधायक पर कोई तलाशी की कार्रवाई नहीं की है और ना ही उनसे किसी तरह की पूछताछ की गयी है। इस कार्रवाई को कांग्रेस के लोग गुजरात चुनाव से नहीं जोड़ें बल्कि इसे आर्थिक अपराध से जोड़कर देखा जाए। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग ने कर्नाटक सरकार के एक मंत्री और उनके सहयोगियों पर कार्रवाई की है और आज 39 ठिकानों पर अधिकारी इस तलाशी अभियान को चला रहे हैं।
वित्त मंत्री के अनुसार जब कांग्रेस सरकार के मंत्री को आयकर विभाग के छापे का पता चला तो वह उस रिसॉर्ट में चले गये। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग के अधिकारियों के लिए मंत्री से बयान लेने के लिए उनसे संपर्क जरूरी था, इसलिए अधिकारी रिसॉर्ट पर गये और वहां से मंत्री को उनके घर पूछताछ के लिए लेकर आये। गुजरात के किसी विधायक से कोई पूछताछ नहीं की गयी।
जेटली ने बताया कि जब अधिकारी रिसॉर्ट में पहुंचे तो कांग्रेस के संबंधित नेता कागजों को फाड़ रहे थे और अधिकारियों ने फटे हुए कागजों को ही लेकर पंचनामे में शामिल किया है। इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं। बाद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पहुंचे।
बहरहाल, खडगे ने कहा कि एक राज्यसभा के सदस्य को हराने के लिए इस तरह की कोशिशों में भाजपा कामयाब नहीं होगी। खड़गे ने सत्तारूढ़ पार्टी के लिए कहा, ‘‘ऐसे डराओ, धमकाओ मत। नहीं तो आपको भी ऐसा ही भुगतना होगा।’’ वित्त मंत्री के जवाब पर असंतोष जताते हुए कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का आग्रह करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री के स्पष्टीकरण के बाद आपको अब यह रवैया नहीं अपनाना चाहिए।
शून्यकाल के दौरान ही कांग्रेस नेता मल्लकार्जुन खडगे ने कहा कि इस तरह से सत्ता पक्ष की ओर से इस तरह से राजनीतिक बदले की कार्रवाई ठीक नहीं है। हम सरकार के रूख से खिलाफ सदन से चले जाते हैं।
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि खडगे जी हमारे ऊपर अनाप शनाप के आरोप लगा रहे हैं। कर्नाटक के एक मंत्री के खिलाफ कालाधन के मामले में छापा मारा जा रहा है। अगर वहां गुजरात के विधायक छिपे हैं, तो यह समझना चाहिए कि गुजरात में लोग बाढ़ से त्राहि त्राहि कर रहे हैं और कांग्रेस के विधायक कर्नाटक में रिसॉर्ट में मौज मस्ती कर रहे हैं। कुमार ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कुछ खबरों के मुताबिक, कांग्रेस को आशंका है कि गुजरात में कुछ विधायकों के भाजपा के पाले में जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का पुन: उच्च सदन में पहुंचना मुश्किल हो सकता है। इसलिए उसके विधायकों को कर्नाटक के रिसॉर्ट में ले जाया गया है। अहमद पटेल को 10 जनपथ का करीबी माना जाता है। गौरतलब है कि आयकर विभाग ने कर चोरी के एक मामले से जुड़ी अपनी जांच के सिलसिले में आज कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार के कर्नाटक और दिल्ली स्थित कई ठिकानों की तलाशी ली। शिवकुमार की मेजबानी में ही बेंगलूरू के निकट एक रिसॉर्ट में गुजरात के 40 से ज्यादा विधायक ठहरे हुए हैं। अधिकारियों ने भी कहा कि रिसॉर्ट में छापेमारी नहीं हो रही है।

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