
पंचायत समिति डग की 32 में से 17 ग्राम पंचायतें बनी ओडीएफ
शेष 7 पंचायतें ओडीएफ होने की कतार में
झालावाड़/चौमहला
(दिलीप जैन)
सरकार का स्वच्छ भारत अभियान का असर झालावाड़ जिले की पंचायत समिति डग में अब नजर साफ आने लगा है लेकिन जागरूकता के आभाव में ग्रामीण क्षेत्रो में इस पर पूरी कामयाबी हासिल नही हो पायी है। लेकिन महिलाओं, नव वधुओ और बालिकाओ के लिए यह मुहीम वरदान साबित हुई है ।
पंचायत समिति डग की 32 मे से 17 ग्राम पंचायतें ओडीएफ हो चुकी है तथा सात पंचायते ओडी एफ होने की कतार में है क्षेत्र की ग्राम पंचायत चौमहला, गंगधार, पारा पिपली, बर्डिया बीरजी, उन्हेंल नागेश्वर, केलूखेड़ा, देवगढ़, डग, पिपलियाखुर्द, दुधालिया, लुहारिया, धतुरिया, क्यासरा, कचनारा, कुंडला, पाडलिया, रनायरा ओडीएफ घोषित हो चुकी है तथा तिसाई, तलावली, रावं गुराड़ी, गुराड़िया झाला, डोडी, ढोबड़ा, चायडा पंचायत में पिच्चा सी प्रतिशत काम हो चुका है इन पंचायतो में शेष शौचालयों का कार्य प्रगति पर है ।
ग्रामीण क्षेत्रो में लम्बे समय से खुल्ले में शौच की प्रवृŸा थी जो उनकी आदत बन चुकी थी, स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत प्रशासन ने ग्रामीणों से अपनी इस आदत को बदलने व शौचालय बनाने को कहा तो सर्व प्रथम ग्रामीण क्षेत्रो में इस पहल का संगठित होकर विरोध हुआ, किन्तु जब उन्हें खुल्ले में शौच से होने वाली हानिया और दुष्परिणामो के बारे में विस्तार से समझाया तो आदत को बदलने में ज्यादा देर नही लगी । धीरे-धीरे गांवो में शौचालय बनने लगे, जन प्रतिनिधियों ने भी अपने स्तर पर प्रयास किये । कहते है हर सिक्के के दो पहलू होते है वैसे ही इस मुहीम में अभी कुछ लोग ऐसे भी है जो घर में शौचालय होने के बाद भी खुले में शौच जा रहे है । फिर भी महिलाओं व नव वधुओ एवं बालिकाओ के लिए यह मुहिम वरदान साबित हुई है।
अधिकारियों की पहल रंग लाई
ग्राम पंचायतों को ओडीएफ करवाने के लिये उपखंड अधिकारी चन्दन दुबे, विकास अधिकारी सविता राठौड़ की टीम ने लगातार मेहनत कर इस अभियान को इस मुकाम पर पहुंचाया, कडकडाती सर्दी में अल सुबह गांवो का दौरा किया ।
स्वच्छ दिखने लगे है तालाबों व नदियों के किनारे
पूर्व में जल स्त्रोतों में प्रदूषण का मुख्य कारण खुले में शौच रहा किन्तु शौचालयों के निर्माण से प्रदूषण में कमी आई है, जल स्त्रोतों में विशेष रूप से नदियों, तालाबो के किनारे स्वच्छता का वातावरण है। ग्राम गंगधार की यह प्रमुख समस्या रही है ,अब इससे निजाद मिलती नजर आ रही है ।
कई लोगों के खातों में नहीं पहुंचा है अब तक शौचालय निर्माण का पैसा
प्रशासन के लगातार समझाइस के बाद लोगो ने शौचालय का निर्माण करवा लिया लेकिन कई महीनों बीत जाने के बाद भी कई गांवों में कई लोगो के शौचालय का पैसा उनके खातों में नहीआया जिस कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है । गांव जेताखेड़ी निवासी ईष्वर सिंह, कृष्णा बाई, निपनियाकालु निवासी बाली बाई, ढाबला निवासी तूफान सिंह व जोरावर सिंह ने बताया कि हमने जनवरी माह में शौचालय का निर्माण करवा लिया था भुगतान हमारे खाते में अभी तक नही आया ।
गांवों में है पानी की समस्या
ग्रामीण अन्तरलाल, गोपाल राठोर ने बताया कि यह एक अच्छी मुहीम है इससे गन्दगी नही होगी । गांव साफ सुथरे रहेंगे लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो में पानी कि समस्या रहती है गर्मी के दिनों में पीने के पानी का संकट रहता है, ऐसे में शौचालय का पानी कहा से लाएंगे ।
‘‘ गांवो में अब बदलाव नजर आने लगा है जिन गांवों के गोरों में गंदगी नजर आती थी वहां अब स्वच्छ वातावरण नजर आने लगा है, लोगो का स्वच्छता के प्रति रुझान बड़ा है । लोगो का शौचालय का भुगतान खातों में ऑॅनलाइन डालना शुरू हो गया है जिन लोगो की सीसी जमा हो गयी उनका भुगतान हो चूका है शेष लोगो का भुगतान भी शीघ्र हो जायेगा । पूरे अभियान को सफल बनाने में जन प्रतिनिधियों को ी सहयोग करना होगा साथ ही व्यवहारगत परिवर्तन लाना होगा। पंचायत समिति को सितंबर माह में ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य है।
चन्दन दुबे
उपखंड अधिकारी
महिलाओ और बुर्जुगों में जागृति आई है, पंचायत समिति की 8 पंचायतो में भी शौचालयों के काम चल रहे है, लोगो को समझाईष की जा रही है सितंबर माह में पूरी पंचायत समिति को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य है ।
सविता राठौड़
विकास अधिकारी डग
पहले गांव में घुसते ही गंदगी का अहसास हो जाता था नाक पर रुमाल रखना पड़ता था, अब लोगो में बदलाव आना शुरू हो गया है फिर भी सामूहिक रूप से जागरूकता लानी होगी ।
कुमोद शर्मा अध्यापक