
खिलजी शासन में हुआ था कत्लेआम
मंदसौर संदेश/मंदसौर
(राजेश पाठक)
प्राचीन नगर दशपुर जो आज भूतभावन भगवान पशुपतिनाथ मंदसौर के नाम से जाना जाता है । इसी मंदसौर नगर में तेरहवी शताब्दी पूर्व दशौरा नैनोरा ब्राह्मण निवास करते थे । ऐसा माना जाता है कि भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा उस समय शिवना किनारे विराजित थी तथा दशौरा ब्राह्मणों की जनसंख्या नगर में बहुतायात से थी । ऐसी मान्यता है कि दशपुर नाम दशौरा ब्राह्मणों के निवास की वजह से भी था । परन्तु अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल में शिवना नदी किनारे श्रावणीकर्म कर रहे हजारो ब्राह्मणों को तत्कालीन आतातायियो ने मौत के घाट उतार दिया था इन दशौरा ब्राह्मणों के रक्त से शिवना नदी रक्तिम होकर बह रही थी । इन ब्राह्मणों के कत्लेआम बाद जब उनकी जनेऊ का वजन किया तो वह सवा मन था । इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि आततायियो ने किस प्रकार निहत्थे दशौरा ब्राह्मणों का नरसंहार किया होगा । तात्कालिक शासको ने दशौरा ब्राह्मणों की माताओं बहनों के साथ दुष्कर्म और उन्हें नृत्य करने पर मजबूर किया था । अल्लुद्दीन खिलजी शासन काल में हुए अत्याचारों और अपमान से क्षुब्ध दशौरा ब्राह्मणों ने उस समय प्राण किया था कि वे मंदसौर त्याग कर देंगे तथा इस शहर का पानी तक नहीं पियेंगे जिसके बाद कुछ दशौरा ब्राह्मण राजस्थान की और पलायन कर गए वहा वे ब्राह्मण कर्म करके अपना जीवन यापन करने लगे । कुछ ने मालवा निमाड़ के अन्य क्षेत्रो में पलायन किया परन्तु अतातायियो से बचने के लिए उन्होंने उस समय में अपने आपको वणिक(वैश्य) बताकर जान बचाई यही कारण है कि कई दशोरा ब्राह्मण वैश्यकर्म करते हुए वैश्य उपनामो को लगाते है ।
650 सालो बाद दिसम्बर 1976 में पीया शिवना का जल
ब्रह्मलीन रामस्नेही रामकुमार मारोठिया के प्रयासों से तथा तत्कालीन कांग्रेस जिला अध्यक्ष भंवरलाल नाहटा, विधायक श्यामसुंदर पाटीदार, नपाध्यक्ष प्रेमलता शुक्ला ने शहर के गणमान्य नागरिको के साथ आह्नान किया कि ‘‘मातृभूमि दशपुर अपने धर्म रक्षक सपूतो को बुला रही है।’’ तब 5 दिसम्बर 1976 को दशोरा महासम्मेलन और भव्य स्वागत समारोह के आयोजन किया गया था जिसमे 650 सालो बाद दशौरा ब्राहमणों ने शिवना जल कंठ के नीचे उतारा था । यह एतिहासिक आयोजन तब के प्रसिद्द शिक्षा शास्त्री, संस्कृत के प्रकांड विद्वान, बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय के उपकुलपति डॉ सुरेन्द्रनाथ शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था ।
1 जून गुरूवार को होगा कुलदेवी पूजन और जनेऊ संस्कार
समाज के ही दिनेश दशौरा ने बताया कि 1 जून को दशौरा प्रश्नोरा नागर समाज कुलदेवी का वार्षिक पूजन करेगा और जनेऊ संस्कार भी होगा । जिसमे लगभग पांच सौ से अधिक लोगो के आने की संभावना है । जिनके ठहरने खाने पीने की व्यवस्था पशुपतिनाथ परिसर स्थित अग्रवाल धर्मशाला में की गयी है ।