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कॉलोनी के तीन नक्शे-एक ओरिजनल, दो फर्जी, दो बगीचे गायब

मंदसौर । भू-माफियाओं के दम गुर्दे इस मंदसौर में ऐसे खुल गए है कि वह कुछ भी करने को तैयार है और अखबार वाला जब उनकी पोल निकाल लाता है तो अखबार वाले को ब्लेकमेलर कहने में चूकते नहीं है ।  परन्तु यह नहीं समझते नहीं है कि अगर कोई पीछे पड़ जाएगा और धार लेगा तो हमेंं चार सौ बीसी में जेल की हवा खाना पड़ेगी ।

इसी कड़ी में गीता भवन रोड़ पर एक कॉलोनी पांच सर्वे नंबरों में सात जनों ने मिलकर काटी थी । चार उसमें से गायब हो गये और तीन जनें उसमें मौके पर रूक गये ।

भू-माफियाओं की परिपाटी रही है कि नगर और ग्रामीण निवेश से जो कॉलोनियों के नक्शे पास कराते है उसमें हाथी के दांत दिखाने के और होते है और खाने के और होते है । पहला नक्शा पास कराने के बाद दूसरा नक्शा पास होता है और फिर घालघुसेड़ करना होती है तो तीसरा पास हो जाता है ।

पहले नक्शे में जहां तीन बगीचे बताए है वहां मात्र एक ही बगीचा है। दो बगीचे बेच डाले । विवाद चला, विवाद राजनीति में गहराया, न्यायालय में भी गया और उसके बाद हम चौड़े बाजार सकड़े वाली कहावत चरितार्थ नहीं हो सकी और राजीनामा करना पड़ा । राजीनामे के सर्वे में कॉलोनी नहीं आती है, अब ऐसी स्थिति में दो बगीचे कॉलोनी में बताना जरूरी है और अगर वह दो बगीचे बेच दिए तो चार सौ बीसी में जाना जरूरी है ।

अब इन तमाम प्रमाणित तथ्यों को चुनौति देते हुए भू-माफियाओं का दावा है कि वह अपनी जगह सही है और जानकारी निकालने वाला ब्लेक मेलर है और जानकारी देने वाला कह रहा है कि जानकारी निकालने वाला सत्य है, अगर ईमानदारी से कोई इनके पीछे पड़ गया तो यह तीनों चार सौ बीसी में जेल की हवा खाएंगे…!

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