
1976 में राजस्थान के नागौर जिला अदालत ने मोतीलाल नामक शख्स के खिलाफ मिलावटी दूध और मिठाई बेचने के आरोप में वारंट जारी किया था।
आरोपी तभी से गिरफ्त से बाहर था और अब 40 साल बाद मंगलवार को आखिर वह पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया जहां उस पर सौ रुपए का जुर्माना लगाकर उसे छोड़ दिया गया।
कोर्ट ने यह उदार कदम आरोपी की वृद्धावस्था को देखते हुए उठाया। पिछले साल अगस्त में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा था कि दूध में मिलावट के मामलों में उम्रकैद तक की सजा होना चाहिए।
कोतवाली थाने के पुलिस अधिकारी नंदराम ने बताया कि वारंट निकलने के बाद आरोपी आंध्र प्रदेश भाग गया था। वहां उसने चाय की दुकान खोली। उसकी पत्नी की मौत होने पर वह यहां हाल ही में लौटकर आया।
नागपुर पुलिस ने पुराने केस खत्म करने का अभियान शुरू किया जिसके चलते मोतीलाल की धरपकड़ की गई।
पुलिस ने बताया कि हम तेलीवाड़ा स्थित उसके पुराने पते पर गए जहां वह आज भी रह रहा था। उसके कुछ दूरस्थ रिश्तेदार भी उसके साथ रह रहे थे।