You are here
Home > राज्य और शहर > बीपीएल चौराहे पर चल रहा विश्व का अनोखा ट्राफिक सिस्टम

बीपीएल चौराहे पर चल रहा विश्व का अनोखा ट्राफिक सिस्टम

ट्राफिक सिग्नल पर बेवकूफ बनते और बनाते शहरवासी

आप मंदसौर के सबसे व्यस्ततम और प्रमुख चौराहे पर खड़े होकर थोडी देर शहर के एकमात्र ट्रेफिक सिग्नल का हाल देखिये आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी शहर की ट्राफिक व्यवस्था नहीं कपिल शर्मा शो देख रहे है । आपको बता दें कि मंदसौर दुनिया का पहला और आखिरी शहर है जहाँ सिग्नल पर लाल बŸा रहते लोग आगे बढ़ जाते हैं और शायद इस बात पर तो मंदसौर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जुड जाए कि ऐसा चौराहे पर खड़े ट्राफिक पुलिसकर्मी करवाते हैं। मंदसौर वासी इस बीपीएल चौराहे पर (मेरे सहित) बेवकूफ बन भी रहे हैं और बना भी रहे हैं । हम सिग्नल पर लाल बŸा देखकर ईमानदारी से रूकते हैं इतने में पीछे से मेरा कोई भाई अपने दो पहिया वाहन को हवाई जहाज की तरह उड़ाते हुए आता है और अपने पास से ऐसे निकलकर सड़क पार कर लेता है जैसे ट्राफिक सिग्नल नाम की कोई चीज वहाँ पर है ही नहीं और वह ी उपस्थित पुलिसकर्मी के सामने जब हम यह ॰श्य देखते हैं तो लगता है कि हम तो बेवकूफ हैं जो सिग्नल पर खड़े है और जो बिना रूके निकल जा रहा है, वह बाकि सबको बेवकूफ बना कर बिना किसी रोकटोक के निकला जा रहा है। यदि ट्राफिक सिग्नल की व्यवस्था का पालन नहीं करना है और नहीं करवाना है तो प्रशासन नगर के एक चौराहे पर इस बेतुकी ट्राफिक व्यवस्था को क्यों चला रहा है?

मंदसौर में इस सिग्नल व्यवस्था के शुरू होने के बाद मंदसौर के दो-दो तीन-तीन कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बदल गए लेकिन बीपी एल चौराहे की ट्राफिक सिग्नल व्यवस्था है कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है या कोई इसे सुधारना ही नहीं चाहता। प्रश्न यही है कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है । मैं यह मानने के लिये तैयार नहीं हूँ कि इस व्यवस्था से जुडे जिम्मेदार लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है क्योकि यह रोज देखने में आता है चाहे वह कलेक्टर महोदय की गाड़ी हो या पुलिस अधीक्षक महोदय का वाहन वह बराबर हरी लाइट होने का इंतजार करने के बाद ही आगे बढ़ते हैं, हाँ मंदसौर के सभी सम्माननीय न्यायाधीशगण भी उक्त चौराहे पर हरी लाइट होने का इंतजार करने के बाद ही आगे बढते हैं। फिर क्यों ये 10 सेंकड पहले बाकी जनता को आगे चलने की अनुमति दी जा रही है। एक मित्र ने तर्क दिया कि लाल बŸा रहने की समयावधि ज्यादा है और हरी बŸा में कुछ 30 सेंकड के आसपास ही मिलते हैं इसलिये 10 सेकंड पहले ट्राफिक शुरू हो जाता है। अब ये कौन सा तर्क हुआ। यदि सिग्नल पर टाईम को लेकर कोई दुविधा है तो उसको सही नहीं किया जा सकता है क्या? सही करना है तो कौन करेगा? और कब करेगा? सवाल 10 सेकंड का नहीं है सवाल पहला तो यह है कि क्या मंदसौर के केवल एक चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगा कर क्या हम पूरी मंदसौर की जनता को ट्राफिक के नियम सिखा सकते हैं और वह ी बीपीएल चौराहे जैसे तकनीकी रूप से अस्त व्यस्त चौराहे पर जिसके दो तरफ बाई और पेट्रोल पंप है और एक तरफ स्टेडियम है। मजेदार बात यह है कि इलेक्ट्रानिक ट्रेफिक सिस्टम लगाने के बाद कोई एक सिपाही पूरी व्यवस्था पर नियंत्रण रख सकता है तो बीपीएल चौराहे पर 4 से 6 पुलिसकर्मी दिन भर मशक्कत करते देखे जा सकते हैं। इस व्यवस्था पर भी जिम्मेदार लोगों को विचार करना पडेगा कि आधुनिक तकनीक का ऐसा इस्तेमाल किस काम का जिसने सबके लिये परेशानी खडी कर रखी है। पुराने लोग सही कह रहे हैं कि इस तमाशे से तो कई सालों पहले वाली वही व्यवस्था ठीक थी जब वर्तमान बीपीएल चौराहे की जगह पर एक छतरी हुआ करती थी जिस पर खडे होकर एक ही ट्राफिक हवलदार पूरे ट्राफिक को नियंत्रित कर लिया करता था न लाईट की जरूरत थी और ना कम्प्यूटर की एक सीटी से काम हो जाता था और निसंदेह

लेखकः डॉ. क्षितिज पुरोहित

वर्तमान व्यवस्था से बहुत अच्छा होता था ।

मंदसौर में बीपीएल चौराहे पर चल रहे ट्राफिक कंट्रोल की व्यवस्था के जिम्मेदार लोगों से आग्रह है कि इस व्यवस्था को या तो पूरी तरह से ठीक करने के प्रयास हों या यह व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो जाए क्योंकि नगर के केवल एक चौराहे पर लाईट लगाकर हम जनता को ट्रांफिक सेंस नहीं सिखा सकते और बिना हरी लाईट हुए 10 सेकंड पहले अपनी जगह छोडना….इसे तो कम से कम तुरंत बंद करवाइये क्योंकि हमारे नगर की मजाक बन रही है। अन्य शहरों के जो लोग रास्ते से गुजरते समय बीपीएल चौराहे के इस सिग्नल पर चल रहे तमाशे को देखते हैं जो प्रशासन की जमकर खिल्ली उडाते हैं जो हम सबके लिये शर्मनाक है क्योंकि उनके शहर में तो क्या पूरे भारत में तो क्या पूरे विश्व में भी ऐसा नहीं होता 2015 में एक बार ऐसा ही आग्रह हुआ था पुनः जिम्मेदारों से निवेदन है कि या तो इस ट्राफिक व्यवस्था को ठीक कर दीजिये या पूरी तरह से बंद कर दीजिये ।

Sharing is caring!

Similar Articles

Leave a Reply

Top