
पुलिस की ईमानदारी, मेहनत, लगन और काम बोलता है
मंदसौर । नीमच से तबादला होकर मंदसौर में आए टीआई योगेन्द्र सिंह सिसौदिया की पुलिस कप्तान श्री ओमप्रकाश त्रिपाठी ने व्हायडी नगर थाने पर टीआई की पोस्टिंग की । इस पदस्थापना के बाद भोपाल से श्री नकवी, ए.डी.जी. सायबर, ए.डी.जी. एस.टी.एफ और सी.एम. ओ.एस.डी. ने योगेन्द्र सिंह सिसौदिया की नियुक्ति एस.टी.एफ. में कर दी । वैसे एस.टी.एफ. मध्यप्रदेश में पुलिस की एक बहुत बड़ी विंग है और इसका कार्य क्षेत्र पूरा मध्यप्रदेश होता है ।
दो-तीन माह पूर्व पुलिस कप्तान श्री ओमप्रकाश त्रिपाठी ने मंदसौर में पुलिस कप्तान के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद गुण्डा अभियान छेड़ा । आपराधिक गतिविधियों में मंदसौर का नाम जब सुर्खियों में आने लगा तब मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास भी मंदसौर-नीमच जिले की आपराधिक गतिविधियों की जानकारी पहुंची । इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके ओ.एस.डी. तथा एस.टी.एफ. प्रभारी ए.डी.जी. श्री नकवी को अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अच्छे कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी की चुनकर नियुक्ति करने के निर्देश दिए ।
पूरे प्रदेश में योगेन्द्र सिंह सिसौदिया ने अपनी कार्यप्रणाली में पुलिस में अहम छाप छोड़ी थी । योगेन्द्र सिंह सिसौदिया ने करीब 7-8 लाख के ईनामी बदमाशों को पकड़ा जिसके लिए पुलिस विभाग ने सिसौदिया को 4 लाख का कैश रिवार्ड दिया । वैसे योगेन्द्र सिंह सिसौदिया सन् 1999 में सब इंस्पेक्टर के पद पर पुलिस विभाग में आए । योगेन्द्र सिंह सिसौदिया के पिता भी पुलिस विभाग में रहे है तथा इनके बड़े भाई भी पुलिस विभाग में टीआई है ।
वर्ष 2013 मेंयोगेन्द्र सिंह सिसौदिया की सब इंस्पेक्टर से टीआई की पदोन्नति हुई है । सिसौदिया ने अपने 18 वर्ष की पुलिस व एस.टी.एफ. में नौकरी करते हुए 4 एनकाउंटर किए है । इसके साथ ही कई अंधे कत्ल, लूट, चोरियां तथा नकबजन गिरोह का पर्दाफाश किया है । मंदसौर में वर्ष 2009 से 2011 तक दलौदा चौकी व सायबर सेल के प्रारी रहते हुए भी मंदसौर जिले में कई गंभीर अपराधों तथा चोरियों की घटना के मामले में पर्दाफाश किया है । जिसमें हरियाणा जिले के मेयर के बेटे इसलमुद्दीन जो कि बहुत बड़ा शातिर तथा मास्टर माइंड अपराधी था जो फ्लाईट से आकर फोर व्हीलर लक्झरी गाड़ियों के कंटेनर को लूटकर फरार हो जाता था । जिसको गिरफ्तार करने में सिसौदिया ने सफलता हासिल की थी ।
मंदसौर शहर कोतवाली क्षेत्र के एक दूध पॉवडर से भरे ट्रक के चोरी होने के प्रकरण का खुलासा भी सिसौदिया ने किया था जिसमें ट्रक मालिक ने पुलिस टीम को एक लाख रूपये का नगद ईनाम भी दिया था । व्हायडी नगर थाना क्षेत्र के मुल्तानपुरा में आरक्षक ब्रजराज सिंह जादौन की हत्याकांड के 15-15 हजार के तीन मुख्य आरोपियों को पकड़ने में सिसौदिया की ही महत्वपूर्ण ूमिका रही है ।
मंदसौर से एक साथ लगातार पांच बोलेरो वाहन चोरी होने के कारण मंदसौर जिले में पुलिस की नाक में दम हो गया था क्योंकि जो बोलेरो चोरी गई थी उसमें एक बोलेरो कांग्रेस के नेता की तथा दूसरी बोलेरो भाजपा के नेता की थी । पांचों चोरी गई बोलेरो को बरामद करने तथा बोलेरो चोर के गिरोह को पकड़ने में योगेन्द्र सिंह सिसौदिया ने सफलता हासिल की थी । इसके अलावा मंदसौर-नीमच जिले के कई अन्य गंभीर अपराधों को ट्रेस करवाने में योगेन्द्र सिंह सिसौदिया की एक विशेष भूमिका रही है ।
योगेन्द्र सिसौदिया की उल्लेखनीय कामयाबी
– दिसम्बर 2016 तथा जनवरी 2017 में मंदसौर-नीमच जिले में 1 करोड़ की फिरौती को लेकर हुए गोलीकांड के मुख्य शूटर नदीम, फय्याज को धरदबोचा ।
– फर्जी एनकाउंटर में जिंदा घूमने वाले कुख्यात बदमाश बंशी गुर्जर को गिरफ्तार किया, साथ ही नीमच के घनश्याम धाकड़ को भी गिरफ्तार किया।
– उज्जैन के एक टवेरा वाहन को किराये पर करके ले जाने के बाद ड्रायवर की हत्या कर लाश फेंककर गाड़ी लूटकर ले जाने वाले गिरोह का 36 घंटे में ही पर्दाफाश कर दिया था ।
– उज्जैन जिले की खाचरोद तहसील में हुई 40 लाख की लूट को दो दिन में ही ट्रेस कर दिया था ।
-सेंधवा शहर मे 31 टू-व्हीलर और 5 फोर-व्हीलर वाहन कीमत 36 लाख रूपये बरामद कर चार चोरों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
– रतलाम के कुणाल किडनैपिंग केस के आरोप को 3 दिन में गिरफ्तार कर किडनेप कुणाल को सकुशल छुड़वाया ।
– उŸारप्रदेश की फोर व्हीलर चोरों की गैंग की महिला सरगना सुमन चौहान को गिरफ्तार कर उज्जैन से चोरी गए 27 फोर व्हीलर वाहन बरामद किए ।
– बालाघाट से उमाशंकर राय गैंग से 24 फोर व्हीलर बरामद किए ।
– बालाघाट में कई नक्सलाईड को पकड़ा ।
– बालाघाट में अंधे कत्ल का पर्दाफाश किया जिसमें ट्रिपल मर्डर गेदम हत्याकांड और भाजपा के शहर अध्यक्ष के पोते केशव पटेल हत्याकांड का पर्दाफाश किया ।
– उज्जैन के प्रेम यादव हत्याकांड के आरोपी अजीत सेंगर, उज्जैन के पार्षद नन्ना गुरू हत्याकांड में वर्ष 2006 से फरार चल रहे आरोपी लाला त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था, जिसे जमानत पर रिहा होने के बाद नन्ना गुरू गैंग ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया ।
कुख्यात ईनामी बदमाशों को धरदबोचा
योगेन्द्र सिंह सिसौदिया ने अपने कार्यकाल में कई ईनामी बदमाशों को धरदबोचा जिसमेंः-
– 50 हजार का ईनामी तस्कर कमल राणा । कमल राणा का मध्यप्रदेश तथा राजस्थान की सीमाओं में आतंक था ।
– 25 हजार का ईनामी बदमाश भगवान छोटी निवासी घटिया, जिला उज्जैन
– 15 हजार का ईनामी बदमाश नाहरू पटेल निवासी बड़ावदा, जिला रतलाम
– 15 हजार का ईनामी बदमाश गुल्लू गुलाब सिंह निवासी बड़वानी । गुल्लू ने अपने साथी के साथ मिलकर पुलिस पर हमला कर एसएलआर रायफल लूट ली थी, इससे रायफल भी बरामद की ।
– 15 हजार का ईनामी बदमाश शूटर नासिर लाला निवासी नागदा जिला उज्जैन को राजस्थान के भवानीमंडी से गिरफ्तार किया ।
चार बदमाशों का किया एनकाउंटर
आलोट का बदमाश चंगा, उज्जैन का बदमाश शाहिद, देवास का बदमाश दिलावर लाला, इंदौर के विष्णु उस्ताद हत्याकांड का मुख्य आरोपी धार निवासी मनीष शूटर ।
योगेन्द्र सिसौदिया यहां रहे पदस्थ
इंदौर क्राइम ब्रांच, उज्जैन सायबर सेल, आई.जी. स्कॉड, मंदसौर, बालाघाट, मुरैना, बड़वानी, सेंधवा
नवाजे गए पुलिस अवार्ड से
योगेन्द्र सिंह सिसौदिया को वर्ष 2015 के दौरान पुलिस सेवा (इंदौर रेंज) में विशिष्ट योगदान के लिए अनुसंधान/अन्वेषण श्रेणी के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।